Sunday, November 25, 2007

पुलिस बर्बरता पर अंकुश लगे..?

पुलिस का तात्पर्य है-पुरुषार्थ,लिप्सारहित और स्वार्थहीन.मगर समाज में हर क्षेत्र में जब गिरावट आ गई हैं,तो पुलिस से स्वार्थहीन होने की उम्मीद रखना न्यायसंगत नहीं होगा.परंतु हाल ही में भागलपुर पुलिस की बर्बरता किसी भी संवेदनशील व्यक्ति का दिल दहलाने के लिए काफी है.गत दिनों किसी महिला के गले से सोने की चेन चुरा कर भागते हुए एक युवक को पहले तो जनता ने बुरी तरह पीटा.फिर पुलिसकर्मी भी शामिल हो गये.खबरिया चैनलों में उस लहूलुहान व्यक्ति को दो पुलिसकर्मियों द्वारा मोटरसाइकिल में बांध कर घसीटे जाते हुए दिखाया गया.आमतौर पर ऐसी खबरों के समय कई लोग चैनल बदल देते हैं,ये कहा तक सही हैं।

1 comment:

Anonymous said...

yeh sahi hai ki log aise news dekhkar channel change kar dete hai kyonki police ka kam aapradhi ko pakar kar nyayapalika ke aadhin kar dena hai uska kam janta ke sath milkar sadko per tamasha karna nahi hai hum police dept ko or vibaho ke sath tulana nahi kar sakte kyonki police vibagh nyaypalika ka ek aung hai or agar wahe hi sawarthi ho jaye to phir nyaypalika ke liye nyay karna kafi parisani ka sabab ban jayaga.