Thursday, January 24, 2008

मोदी की मुंबई रैली से हिल गए हैं ठाकरे

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिन पहले मुंबई में हुई रैली से शिवसेना को तगड़ा झटका लगा है। उसे लगने लगा है कि महाराष्ट्र में भाजपा अब अधिक दिनों तक उसे बड़े भाई की भूमिका में नहीं रहने देगी। पार्टी सुप्रीमो बाल ठाकरे ने तो बुधवार को कह भी दिया कि महाराष्ट्र में मोदी और मायावती पैटर्न की राजनीति नहीं चल पाएगी।
महाराष्ट्र में करीब 20 साल से चले आ रहे शिवसेना-भाजपा गठबंधन में शिवसेना अब तक बड़े भाई की भूमिका निभाती रही है। इसी रिश्ते के तहत राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से शिवसेना 171 एवं भाजपा 117 पर चुनाव लड़ते रहे हैं। भाजपा की जीत का प्रतिशत शिवसेना से बेहतर रहता है लेकिन सीटों की संख्या में शिवसेना बाजी मार लेती है। गठबंधन की शर्त है कि जिसकी सीटें ज्यादा होंगी मुख्यमंत्री उसी का बनेगा, इसलिए भाजपा मुख्यमंत्री पद की दावेदार भी नहीं बन सकती। भाजपा पिछले दो विधानसभा चुनावों से शिवसेना पर दबाव बना रही है कि दोनों दल बराबर सीटों पर चुनाव लड़ें। शिवसेना लोकसभा में कुछ सीटें भाजपा को अधिक देकर विधानसभा में उसे ठेंगा दिखाती आ रही है। भाजपा इसे इसलिए बर्दाश्त करती रही क्योंकि महाराष्ट्र में बाल ठाकरे जैसा करिश्माई नेता उसके पास नहीं था। मगर बीते रविवार को शिवसेना मुख्यालय के ठीक सामने उसी शिवाजी पार्क में नरेंद्र मोदी को सुनने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी जहां ठाकरे पिछले 40 साल से शिवसेना की रैलियां करते आ रहे हैं। इसी पार्क को नवंबर के अंतिम सप्ताह में मायावती ने भी भर दिया था। भाजपा ने अपनी रैली में शिवसेना को तो बुलाया भी नहीं। मोदी को तालियां भी ठाकरे की तुलना में कम नहीं मिलीं। मतलब यह कि भाजपा को मिशन-2009 के लिए नया तारणहार मिल चुका है। वह एक दिन में छह-सात रैलियां भी कर सकता है। दूसरी ओर शिवसेना प्रमुख की गिरती सेहत के कारण अब वे एक रैली में भी लंबे समय तक बैठ नहीं पाते। भाजपा नेता उन्हें आज भी महाराष्ट्र के शिवसेना-भाजपा गठबंधन का पितृ पुरुष मानते हैं। लेकिन सच्चाई यही है कि 2009 के लोकसभा-विधानसभा चुनावों में मोदी की जरूरत भाजपा के साथ-साथ शिवसेना को भी पड़ सकती है।

3 comments:

सागर नाहर said...

सचमुच हिल गये हैं ठाकरे...

Anonymous said...

हा हा हा.. काफी बडा ठहाका लगानेवाला शीर्षक दिया है आपने. व्यंग्यात्मक लेखन में यह अग्रस्थान मे होगा

संजय बेंगाणी said...

हिल तो गये हैं, ठाकरे.