Thursday, January 17, 2008

लख के संग हो लक अपना, पूरा तब नैनो का सपना

पहली झलक मे ही नैनो लाखो दिलो मे बस गयी है और बाजार मे आने से पहले ही हर कोई इसे खरीदने के सपने संजो रहा है।
किन बिक्री के लिए लांच होने के बाद भी यह किस्मत वालो को ही मिल पाएगी। शुरूवात मे गजब के प्रति्क्रिया के बावजूद टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा का कहना है कि कम्पनी अपने बजट और निर्माण क्षमता को देखते हुये, इसका उत्पादन करेगी। रतन टाटा ने कहा कि मेरी कम्पनी लाखो की तादाद मे नैनो का उत्पादन करेगी, बडी अटपटी बात है। हमारी निर्माण क्षमता सीमित है।
टाटा ग्रुप का इरादा साल भर मे 2.5 से 3.5 नैनो कारे बनाने का है लेकिन जानकारो के मुताबित डिमांड इससे कई गुना ज्यादा होगी। उन्होने कहा कि सभी तकनीकी पहलुऔ को देखते हुये कार का प्राडक्सन और मार्केट और रणनीती तयकी जायेगी। आने वाले समय मे टाटा ग्रुप आम आदमी पर फोकश रख कर ही नये उत्पाद बाजार मे उतारेगा।
लखटकिया कार के विरोध पर रतन टाटा ने कहा कि मै इस पर अपने मुह से कुछ नही कहना चाहता अगर कोई विरोध कर रहा है तो इसकी मर्जी। किसी भी उत्पाद का भविष्य बाजार तय करता है हमे अपने नये उत्पाद पर पुरा भरोसा है सभी तरह से नैनो कार आम आदमी की अपेक्षाओ पर खरी उतरेगी।
उन्होने कहा कि चार साल पहले जब मैने एक स्कूटर पर मिडील क्लास परिवार, पति पत्नी व दो बच्चो को जाते हुये देखा तो मन मे यह ख्याल आया क्यो न इस क्लास को सस्ती कार उपलब्ध करायी जाय। इसके बाद काम शुरू कर दिया गया। यह सपना नही वादा था जो निभाया।
सिंगुर मे कम्पनी के जमीन के अधिग्रहण को लेकर विरोध पर कहा कि पश्चिंम बंगाल ने लखटकीया कार के निर्माण के लिये कई जमीन के आफर दिये थे, सरकार के जरिये ही जमीन का अधिग्रहण किया गया है रही बात विरोध की तो लोग भुल रहे है कि यह औघोगीकरण का आगाज है टाटा ग्रुप पश्चिम बंगाल मे बडी मात्रा मे निवेश करने जा रही है।
लेखक. बिनोद

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