दिल्ली हुई जाम
शुक्रवार को घंटो यातायात जाम में फँस रहे दिल्लीवासी।कल राजधानी के कई ईलाकों में यातायात जाम रहा। जाम लगने के एक नहीं तीन-तीन कारण थे। 1} साउथ दिल्ली के मूलचन्द पुल के पास दिल्ली जल बोर्ङ की पाईप लाईन टूट गई। 2} वी.आई.पी नेताओं का राजघाट दौरा। 3} प्रगति मैदान में लगे नौंवी वाहन प्रर्दशनी देखने उमङी र्दशको की भीङ।
नतीजा, रात तक लोग भारी यातायात जाम से जूझते रहे। खासतौर पर वे लोग जो प्रगति मैदान से होकर गुज़र रहे थे। रहागीर {एफ.एम.सी.सी के अध्यापक नवनीत आनंद का कहना था कि आमदिनों में मुझे लक्ष्मी नगर से कालका जी तक पँहुचने में पैंतालिस मिनट लगते थे पर आज मूलचन्द पुल पर जाम की व़जह से दो घंटे से भी ज़्यादा समय लग गया। इस तरह जाम में फँसे और भी लोगों का ये ही कहना था।
प्रर्दशनी देखने आए लोगों का निजी वाहनों का इस्तेमाल करना व पाक्रिंग की जगह सीमित होने के कारण गाङियाँ इधर-उधर खङी करने से भी जाम लग गया। वहीं दूसरी तरफ, ग्रीस के प्रधानमंत्री ने दस बजे राजघाट आना था। जिससे सुरक्षा के मददेनज़र उस तरफ के सभी रास्ते बंद कर दिए गए थे जबकि नेताजी भी अपने निशचित समय से आधे घंटे देर से पँहुचे। इस दौरान काम पर जाने वाले लोगों के वाहनों की कतार भी लम्बी होती चली गई। मुख्यत : आई.टी ओ पुल, निजामुदीन पुल, विकास मार्ग, आई.पी.मार्ग, रिंग-रोङ, तिलक मार्ग व मथुरा रोङ पर भी जाम रहा।
दिल्ली मैट्रो रेल काँरपोरेशन के मुताबिक मूलचल्ग में पाईप लाईन से कुछ ही दूर ज़मीन के अन्दर उनका काम चल रहा था। मशीन की तेज़ गङगङाहट से पानी की पाईप लाईन टूट गई। इसकी जानकारी दिल्ली जल बोर्ङ को दे दी गई थी। जब तक उल्होंने पानी की सप्लाई हंद की तब तक सङ़को पर दो-दो फुट तक पानी जमा हो चुका था। ङी.एम.आर.सी के प्रोजेक्ट मैनेजर अनुज दयाल ने कहा कि इस छोटी पाईप-लाईन से लाजपत नगर, व ङिफ़ेस कोलोनी को पानी की सप्लाई जाती थीऔर उन्होंने स्वंम खङे़ हो कर पाईप-लाईन की मरम्त करवा दी हैं।
इस जाम पर यातायात पुलिस का कहना था कि प्रर्दशनी के चलते पुलिस की पूरी व्यवस्था की गई थी पर हर जगह पुलिस व्यवस्था करना सम्भव नहीं हैं। मथुरा रोङ पर अवैध पार्किग का कारण भी जाम लग जाता हैं। हालाँकी कई बार क्रेन द्वारा गाङियाँ ज़ब्त व चालान भी काटे जा चुके हैं।
दिल्ली में जाम लगना कोई नई बात नहीं हैं जाम कभी रैलियों, नेताओं, प्रर्दशनों, सङ़क मरम्त आदि समस्याओं के कारण लगते रहते हैं। हम इसे रोक तो नहीं सकते पर जहाँ पब्लिक वाहनों की सुविधा हो वहाँ निजी वाहनों का प्रयोग न करके हम इस जाम की समस्या को कम तो कर ही सकते हैं।
Sunday, January 20, 2008
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